मनगढ़न्त बातों का पर्दाफ़ाश
“ज्ञान का सबसे बड़ा शत्रु अज्ञान नहीं है, ज्ञान का शत्रु ज्ञान का भ्रम है” (स्टीफन हॉकिंग – ब्रितानी भौतिक विज्ञानी, ब्रह्माण्ड विज्ञानी)।
कभी कभी इन को “समकालीन या शहरी किंवदंतियाँ” कहते हैं – यह ऐसी झूठे किस्से व गप्पे होते हैं जो अनियंत्रित रूप से फैलते हैं, और प्रायः ऐसी कही-सुनी घटनाएँ दोस्तों अथवा परिचित लोगों पर बीतती हैं, परंतु जो व्यक्ति इन के बारे में बात कर रहा होता है अथवा ऐसी अफवाहों को बढ़ावा दे रहा होता है उस के साथ यह नहीं घटा होता है। Fix&Go (फिक्स एंड गो) की प्रणालियों को भी ऐसे किस्सों का सामना करना पड़ा… तो हमने सबसे अधिक पूछे जाने वाले प्रशनों व शंकाओं का हल निकालने का निश्चय किया।
एक बार उपयोग करने से, पहिया खराब हो जाता है
निश्चित रूप से यह सबसे अधिक सुनने में आने वाला, व बड़ा असत्य कथन है। Fix&Go (फिक्स एंड गो) की कैन में झाग नहीं है। इस के भीतर तरल अवस्था में, Fix&Go (फिक्स एंड गो) द्वारा एकस्व अधिकार या पेटेंट प्राप्त मूल पदार्थ है, जो कि अन्य घटकों सहित मिश्रित पायस के रूप में लेटेक्स या रबड़ का क्षीर है। अनेक वर्षों के शोध के परिणाम से बनी, कड़े से कड़े अंतर्राष्ट्रिय मानकों के अनुसार प्रमाणित, Fix&Go (फिक्स एंड गो) की सील करने वाली समाग्री का विकास पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव ड़ालने के उद्देश्य से प्राकृतिक रबड़ के क्षीर या लेटेक्स पर आधारित है। यह बिलकुल भी विषाक्त व प्रदूषणकारी नहीं है। यह बड़े आकार के छेदों, जैसे कि कलम (6 मिलीमीटर व्यास), की मरम्मत करता है। Fix&Go (फिक्स एंड गो) के पुनः बदले जाने वाले घटकों या स्पेयर्स को सरलतापूर्वक बदला जा सकता है व आप इन को मूल उत्पाद से अलग ख़रीद सकते हैं।
टायर में हवा भरने के लिए बहुत समय लगता है
पंचर हुए पहिए को स्पेयर टायर (…अथवा लघु अतिरिक्त पहिए) से बदलने हेतु आवश्यक समय की तुलना में Fix&Go (फिक्स एंड गो) द्वारा मरम्मत करने के लिए लगने वाले समय के चंद मिनट से स्पष्ट हो जाता है कि यह एक झूठी धारणा है। दूसरी ओर, परंपरागत तरीके से पहिया बदलने के लिए आवश्यक चरणों को केवल सूचीकृत करने से ही यह ज्ञात हो जाता है कि इस कथन व सोच का कोई आधार नहीं है – जैक को वाहन के नीचे उचित स्थान पर रखना, वाहन को जैक द्वारा ऊपर उठाना, नटों को पेच से उतारना (…यदि आप ऐसा कर सकें!), पहिया बदलना, नटों को पेच पर कसना, सभी वस्तुओं को वाहन में ठीक से रखाना। औसतन कुल, 30 से 45 मिनट… और यह भी संभव होता है कि अधिक समय लगे। Fix&Go (फिक्स एंड गो) की प्रणाली द्वारा, सड़क के किनारे पर रुकने के समय से लेकर पुनः यात्रा शुरु करने की घड़ी तक, अधिकतम 15 मिनट की आवश्यकता होती है।
किट द्वारा की गई मरम्म्त विश्वसनीय नहीं है
Fix&Go (फिक्स एंड गो) जैसी किट में उपलब्ध प्रणालियों द्वारा की जाने वाली मरम्मत की कारगरता पर भरोसा नहीं करने का कारण बड़े पैमाने पर फैला हुआ पूर्वाग्रह है। अनुकूल परिस्थितियों (टायर के बाहरी भाग या ट्रेड़ में अधिकतम 6 मिलीमीटर व्यास का छेद, पहिए के रिम या चक्के की सामान्य परिस्थिति) में Fix&Go (फिक्स एंड गो) की सील करने वाली सामग्री द्वारा की गई मरम्मत सुरक्षित व विश्वसनीय है। यह आवश्यक है कि आप के पास जो मॉडल उपलब्ध है उस के निर्देशों का उचित रूप से पालन किया गया हो, ऐसा करने पर बिना किसी अतिरिक्त तनाव अथवा प्रयास, गाड़ी को फिर से चलाया जा सकता है व बिना किसी क्षति के ख़तरे कईं सौ किलोमीटर तक जाया जा सकता है (मरम्मत के उपरांत गाड़ी का उपयोग, हमेशा केवल निर्धारित गति सीमा पर ही करें)। बड़े इंजन व असाधारण रूप से बड़े टायरों वाली कईं स्पोर्टस कारें, लगभग सभी मोबाईल होम या गाड़ी के ऊपर बने हुए अस्थाई घर, बहुत वर्षों से Fix&Go (फिक्स एंड गो) प्रणाली का उपयोग करते हैं, क्योंकि अब उन में स्पेयर या अतिरिक्त पहिया उपलब्ध नहीं है।
टायर के फट जाने पर यह अनुपयुक्त है
गाड़ी की डिक्की में अतिरिक्त पहिया रखने का यह एकमात्र कारण है। हमें यह पता है कि- एक फटे या कट चुके टायर को Fix&Go (फिक्स एंड गो) द्वारा ठीक नहीं किया जा सकता है। किन्तु यह भी विचारणीय है कि कितने लोगों के साथ ऐसा हुआ है कि गाड़ी चलाने के उनके पूरे जीवनकाल में वाहन का टायर कट गया हो अथवा फट गया हो। क्षेत्र से जुड़ी पत्रिकाएँ, टायर उत्पादक व सड़क सुरक्षा विशेषज्ञ इस विषय पर नियमित रूप से सर्वेक्षण करते हैं – सड़क पर होने वाले 97 प्रतिशत पंचर वृत्ताकार अथवा अंड़ाकार होते हैं व यह 4 से 5 मिलीमीटर व्यास वाली वस्तुओं के कारण हो जाते हैं। इस प्रकार की क्षति के लिए Fix&Go (फिक्स एंड गो) आज का सर्वोत्तम समाधान है।
किट का उपयोग अत्यंत जटिल है
यह पूर्णतः असत्य है। आज के दौर में तकनीक हमारे चारों ओर है, गाड़ी के भीतर भी – डैशबोर्ड़ की कंप्यूटर प्रणाली, तार रहित जुड़े हुए टेलीफोन, सस्पेंशन का इलेक्ट्रॉनिक नियंत्रण, घटकों या पुर्ज़ों की परिस्थिति की व्यापक निगरानी… इन साधनों/ यंत्रों के उपयोग करने की विधि को सीखने के लिए कुछ घंटे बीताने पर कोई भी असंतोष व्यक्त नहीं करता, किन्तु “टायर में पंचर होने कि खेदजनक अवस्था” में क्या करना चाहिए इस की जानकारी प्राप्त करने के लिए अपने मूल्यवान समय में से 5 मिनट का उपयोग कर पाना असाध्य प्रतीत होता है। और क्योंकि हमें यह विश्वास है कि हम लगभग यह जानते हैं कि टायर कैसे बदला जाता है, तो इस बात को अनदेखा करते हैं कि अधिकतर वाहनों में इस दृष्टि से भी विकास आया है व मरम्मत के लिए उपलब्ध एकमात्र प्रणाली Fix&Go (फिक्स एंड गो) है। तीन सरल चरणों के माध्य्म से ठीक करें, हवा भरें व पुनः चल पड़ें।
मैं क्यों किसी एक प्रणाली को ख़रीदूँ?
Fix&Go (फिक्स एंड गो) प्रणाली अतिरिक्त पहिए का स्थान ले सकती है, व आप 15 मिनट में मरम्मत कर पुनः चल सकते हैं।
स्पेयर टायर के स्थान पर (या अतिरिक्त समाधान के रूप में रखना चाहते हैं तो भी) Fix&Go (फिक्स एंड गो) प्रणाली का उपयोग करने के कईं कारण हैं।
- किसी सामान्य अतिरिक्त पहिए की तुलना में Fix&Go (फिक्स एंड गो) का आकार ¼ है
- अतिरिक्त पहिए व इस के उपसाधनों (जैक व चाबियाँ) को रखने के स्थान के तुलनात्मक स्थान में लगभग 15 Fix&Go (फिक्स एंड गो) को रखा जा सकता है (सामान व वस्तुओं के लिए अधिक स्थान की उपलब्धता अथवा डिक्की में सी॰एन॰जी॰ यंत्र के टैंक रखने हेतु)
- अतिरिक्त पहिए व इस के उपसाधनों (जैक व चाबियाँ) को रखने के स्थान के तुलनात्मक स्थान में लगभग 15 Fix&Go (फिक्स एंड गो) को रखा जा सकता है (सामान व वस्तुओं के लिए अधिक स्थान अथवा सी॰एन॰जी॰ यंत्र के टैंक रखने हेतु)
- Fix&Go (फिक्स एंड गो) द्वारा ठीक करने की क्रिया में औसतन 15 मिनट का समय लगता है, जिस की तुलना में किसी सामान्य अतिरिक्त पहिए से मरम्मत करने में 45 मिनट का समय लगता है (सड़क के किनारे पर कम समय के लिए रुकने की आवश्यकता, अतः कम ख़तरा)
अपनी गाड़ी, मोटरसाइकल, मोबाइल होम अथवा वाणिज्यिक वाहन में अस्थाई मरम्मत हेतु Fix&Go (फिक्स एंड गो) प्रणाली का चयन करने के लिए अन्य और भी कईं कारण हैं। किसी ऐसे वाहन चालक जिसने न्यूनतम एक बार टायक पंचर किया हो, उसकी आपबीती से उन कठिनाईयों की एक ऐसी सूची बनाई जा सकती है, जो संभवतः मज़ेदार भी साबित होगी। मज़ेदार। बस यह याद रहे कि पहिया बदलने की प्रक्रिया के दौरान अधिकतम सावधानी बरतना आवश्यक होता है क्योंकि अचानक ख़तरनाक परिस्थितियाँ पैदा हो सकती हैं। आज के दौर में, अधिकतम सड़कों पर, टायर पंचर होना कम ही देखने को मिलता है… किन्तु यह ना के बराबर नहीं है। जबकि इसके परिणाम मामूली से लेकर संभवतः बहुत ही अधिक ख़तरनाक तक भी हो सकते हैं, विशेष रूप से उन मार्गों पर जहाँ वाहन तेज़ गति से चलते हों –
- कपड़ों का गंदा या खराब हो जाना
- अकुशलता अथवा विभिन्न कठिनाईयों के कारण लगने वाली चोट
- असाधारण प्रतिकूल मौसम अथवा बहुत कम दृश्यता के कारण होने वाली गंभीर कष्टदायक असुविधा
- सड़क के किनारे पर रुकने के कारण होने वाला संभावित ख़तरा
- डिक्की में पूर्ण रूप से सामान भरा हुआ होने के कारण अतिरिक्त पहिए व औज़ारों को बाहर निकालने में कठिनाई
- औज़ारों के अनुपयुक्त होने के कारण पंचर होए पहिये को उतारने में कठिनाई अथवा असंभवता
- टायर बदलने की प्रक्रिया की अत्यधिक लंबी अवधि
बढ़ा-चढ़ा कर बनाया हुआ? वास्तव में लिखी गई परिस्थितियों में से बस केवल कुछ की उपस्थिति में ही वाहन चालक को कठिनाई का सामना करना पड़ सकता है जिस के कारण रोड साइड असिस्टेंस या सड़क किनारे सहायता के बिना, आत्मनिर्भर रूप से पुनः यात्रा करना असंभव हो जाता है।
पुराने अथवा घटनाग्रस्त वाहनों को तोड़ने वाले कारखानों में पहुँचने वाले वाहन के ऐसे घटक या हिस्से भी होते हैं जिन का कभी भी उपयोग नहीं किया गया होता है – 100 में से 85 बार यह अतिरिक्त पहिया (रिम व टायर), जैक और संबंधित औज़ार ही होते हैं। इन “अत्यावश्यक” आपातकालीन प्रणालियों में से 85 प्रतिशत को वाहन के जीवन काल के अंत तक केवल एक बार भी उपयोग में नहीं लाया जाएगा।
फिर भी, क्योंकि “अतिरिक्त पहिया सेट” गाड़ी के पहियों का पाँचवा भाग होता है, तो इसका अर्थ यह है कि पहियों की मूल उत्पादन सामग्री व उन को बनाने और वितरण के खर्च के 20 प्रतिशत को एक ऐसी प्रणाली के लिए उपयोग किया जाता है जिस का बहुत कम अथवा कदाचित ही प्रयोग किया जाता है। इस के साथ-साथ रोड साइड असिस्टेंस या सड़क किनारे सहायता सेवाओं व मोबाईल फोन के बढ़ते विस्तार के कारण यह भी संभव है कि “अतिरिक्त पहिया सेट” का और भी कम उपयोग किया जाएगा।
कम से कम तीन कारणों का परिणाम है कि “अतिरिक्त पहिया सेट” एक खर्च है –
- जैसा कि हमने कहा, मूल उत्पादन सामग्री व खर्च जो कि वाहन के दाम का एक भाग होता है
- ड़िज़ाइनर को अनुपलब्ध स्थान, जो कि अतिरिक्त पहिए व उपसाधनों की जगह का प्रयोग संभवतः अधिक उपयोगिता के लिए कर सकते हैं, उदाहरण स्वरूप वाहन में यात्रियों व सामान हेतु अधिक स्थान उपलब्ध करना, अथवा यांत्रिक हिस्सों व पुर्ज़ों को लगाने में जगह का इष्टतम उपयोग।
- अंततः पूरे “सेट”का भार, जिस का प्रभाव खपत पर पड़ता है; यह स्वाभाविक है कि केवल एक बार टंकी को भरने से इस का पता कर पाना असंभव है, किन्तु यदि हम 20 किलोग्राम औसतन भार (टायर सहित पहिया व जैक व उपसाधन) मानते हैं, तो किसी मध्य श्रेणी हॉर्सपावर वाले वाहन की जीवन अवधि (औसतन) के दौरान 10 वर्ष में उसका प्रयोग 2,50,000 किलोमीटर के लिए किया जाता है, खपत का अनुमान (सिद्धान्त रूप से) 165 लीटर ईंधन है, जिस से 65 रुपये प्रति लीटर के दाम से 10,725 रुपये की कुल राशि बनती है।
डिक्की के आकार को अधिक बड़ा करने व घटकों के भार और उन से संबंधित खर्च को कम करते हुए इन की कार्यक्षमता को बढ़ाने के उद्देश्य से निर्माताओं ने अतिरिक्त पहिए के पूरे सेट के स्थान पर Fix&Go (फिक्स एंड गो) – जिसका भार लगभग 2 किलोग्राम व जिसे रखने हेतु एक पानी की बोतल के समान स्थान की आवश्यकता है – जैसे अस्थाई मरम्मत किट को अपनाया है। इसे टायर में छेद हो जाने की परिस्थिति में, एक छोटे किन्तु शक्तिशाली कमप्रेसर द्वारा, विषाक्तता रहित, सील करने वाली तरल सामग्री (झाग नहीं!) को पंचर हुए पहिए के भीतर भरने के लिए काम में लाया जाता है।
Fix&Go (फिक्स एंड गो) 15 से अधिक वर्षों से विश्व के 24 वाहन निर्माता ब्राण्ड़ों के लिए आपूर्ति करता है।